थक गए..हम तुम संग चलते चलते अब तुम संग चलना नहीं... और वापस तो जाना नहीं...; तुम यहां रुको या ना रुको.. बस हमें तो.................... तुमसे दूर जाना हैं.......!! वहां जाना हैं............ जहां तुम्हारा जाना ना हो; अगर आव भी तो हवा बनकर रुख बदल कर...मेरे आस पास.. रुक मत जाना...:::::::::::::::::: तुम्हारा आना अच्छा तो लगेगा:; पर तुम्हारा रुकना हमें रुलाएगा!! और बीते लम्हों की याद दिलाएगा ✍🏻S.G.Trisha