धड़कते हुए दिल का क़रार हो तुम.... सजी हुई महफ़िलों की बहार हो तुम.... तरसती हुई निगाहों का इंतज़ार हो तुम मेरी इस ज़िंदगी का प्यार हो तुम.... ©shivaji kushwaha sathi mere