Nojoto: Largest Storytelling Platform

ताज्जुब है मैने तो कुछ जाहिर ही नहीँ किया , फिर उ

ताज्जुब है मैने तो कुछ जाहिर ही नहीँ किया ,

फिर उसके अरमान क्यों पँख लगा उड़े थे ,

लगता है कभी कुछ अहसास उसने,

 मेरी आँखों में पढ़े थे ........  .            Arman
ताज्जुब है मैने तो कुछ जाहिर ही नहीँ किया ,

फिर उसके अरमान क्यों पँख लगा उड़े थे ,

लगता है कभी कुछ अहसास उसने,

 मेरी आँखों में पढ़े थे ........  .            Arman

Arman