आजाद है आज पंछी मस्ती में गुनगुना रहे हैं लाचार है इंसान जो चारदीवारी में अपने पंख फड़फड़ा रहा है चाहता है वह गीत गुनगुनाना फिर से आकाश में पक्षी की तरह उड़ जाना लेकिन हो गया है बेबस वो मायूसी है उसके चेहरे पर फिर भी शायद हौले हौले मुस्कुरा रहा है। उम्मीद के कुछ गीत गुनगुना रहा है। ©Satinder #birds #safety #freedom #life Time changes for everyone... #Birds