सपनों का जाल था कुछ कर जाने का नशा भी कमाल था फिर हकीकत की एक छड़ी पड़ी तो पता चला कूछ हासिल ना हुआ इतने में मैं तो बस दो जून की रोटी के लिए सारी जिन्दगी बेहाल था #NojotoQuote हकीकत की छड़ी