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मेरे जीवन में तुम आए,ये ही अनुभूति निराली है। तुमक

मेरे जीवन में तुम आए,ये ही अनुभूति निराली है।
तुमको पाकर मां बनने की, अद्भुत उपाधि अब पाली है।।
एक ओर तो बड़ी प्रसन्न थी मैं, एक ओर था भय का वातावरण।
तुम संग मुझको भी पुन: मिला, इस वसुन्धरा पर नव जीवन।।
तुम रहो चिरन्जीवी बच्चे, ईश्वर से यही प्रार्थना है।
"लेकिन मां संग तुम्हारा हो, मेरे जीवन का सपना है"।।
अनुभूति ही मेरे बच्चे की, मेरे मन को झकझोर गयी।
घण्टों उसे प्रीत लड़ाने में, मेरी तो आज की भोर गयी।।
नेति।
धन्यवाद।

©bhishma pratap singh #मांकाप्यार#हिन्दी कविता#काव्य संकलन#भीष्म प्रताप सिंह#सस्पेंस एंड  थ्रिलर#motherlove#October Creator
मेरे जीवन में तुम आए,ये ही अनुभूति निराली है।
तुमको पाकर मां बनने की, अद्भुत उपाधि अब पाली है।।
एक ओर तो बड़ी प्रसन्न थी मैं, एक ओर था भय का वातावरण।
तुम संग मुझको भी पुन: मिला, इस वसुन्धरा पर नव जीवन।।
तुम रहो चिरन्जीवी बच्चे, ईश्वर से यही प्रार्थना है।
"लेकिन मां संग तुम्हारा हो, मेरे जीवन का सपना है"।।
अनुभूति ही मेरे बच्चे की, मेरे मन को झकझोर गयी।
घण्टों उसे प्रीत लड़ाने में, मेरी तो आज की भोर गयी।।
नेति।
धन्यवाद।

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