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ओस की बूंदों की तरह हो ज़िंदगी रात भर ठहर कर, सुबह

ओस की बूंदों की तरह हो ज़िंदगी
रात भर ठहर कर, सुबह की धूप में चमक कर खो जाती हो। #मेरी शायरी
#नीलू
ओस की बूंदों की तरह हो ज़िंदगी
रात भर ठहर कर, सुबह की धूप में चमक कर खो जाती हो। #मेरी शायरी
#नीलू
neeluthakur6398

Neelu Thakur

New Creator