न लिखने को अल्फाज़ हैं ना बयां करने को एहसास हैं काएनात की तारीफ भी ना इनके आस पास हैं खुद को सदा मुसीबतों में डालकर पापा मेरे परिवार के हर सदस्य को बांटते बस मिठास हैं ©Bharat Sharma Vats #Papa❤️