Nojoto: Largest Storytelling Platform

परेशान हूँ बहुत काश कोई तो संभाल ले रोया हूँ अक्स

परेशान हूँ बहुत
काश कोई तो संभाल ले 
रोया हूँ अक्सर अकेले अकेले
कोई तो सीने से लगा चुप करा ले 
मारा हूँ नफ़रत ने 
इक बार कोई मोहब्बत से अपना ले
बिखरा हुआ 
कि कोई अपनी बाहों में समेट मुझे सुकून से सुला ले
नहीं बोलता कुछ भी चुप चुप रहकर थक सा गया 
काश कोई मेरी बातों के अल्फ़ाज कहलवा ले
थम सी गई हैं सांसें अंधेरे के डर में
उजाले की किरण से कोई कोई जिंदा बना ले 
हम जो खो गये थे तन्हा गुमनाम से 
काश कोई तो फिर से मुझे मेरे नाम से बुला ले

©writer....Nishu...
  #कोई तो

#कोई तो

153 Views