बस इस मुलाकात के ख्वाब हमने देखे थें मानो इस दिन के लिये आज तक हम जितें थें। कल तक उस तन्हाई को चुपचाप हम यु सेहेते थें एक दिन तुम मिल जाओगी यही हम खुदसे केहेते थें। 'तेरी यादों की रजाई हर रोज हम यु ही बुनते थें दूरी का वो हर एक लम्हा कडवा घुट समझकर पिते थें। #NojotoQuote #Mulakat #prakashpk #hindiQuote #mulakaat