बोलती बहुत थी वो चाहे मन कितना भी उदास क्यों ना हो कोई बात कह कर हसा देती थी। अपनों को बहुत मानतीं थी और कोई फैसला कर लेती थी तो पीछे नहीं हटती थी। मैंने एक रोज कहा उससे कि तुम्हारी ये आदत कहीं तुम्हें मुझसे दूर ना कर दे। और देखो आज उसकी कहानी है लेकिन वो नहीं। ©. #बोलती बहुत थी vo #peace