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बोलती बहुत थी वो चाहे मन कितना भी उदास क्यों ना

बोलती बहुत थी वो 
चाहे मन कितना भी उदास 
क्यों ना हो 
कोई बात कह कर हसा 
देती थी।
अपनों को बहुत मानतीं थी
 और 
कोई फैसला कर लेती थी 
तो पीछे 
नहीं हटती थी। 
मैंने एक रोज कहा उससे 
कि तुम्हारी ये आदत कहीं 
तुम्हें मुझसे दूर ना कर दे। 
और देखो 
आज उसकी कहानी है 
लेकिन वो नहीं।

©. #बोलती बहुत थी vo

#peace
बोलती बहुत थी वो 
चाहे मन कितना भी उदास 
क्यों ना हो 
कोई बात कह कर हसा 
देती थी।
अपनों को बहुत मानतीं थी
 और 
कोई फैसला कर लेती थी 
तो पीछे 
नहीं हटती थी। 
मैंने एक रोज कहा उससे 
कि तुम्हारी ये आदत कहीं 
तुम्हें मुझसे दूर ना कर दे। 
और देखो 
आज उसकी कहानी है 
लेकिन वो नहीं।

©. #बोलती बहुत थी vo

#peace
ombeersingh2913

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#बोलती बहुत थी vo #peace #Life