Nojoto: Largest Storytelling Platform

ऐसी मारी उसने पिचकारी मैं अपना दिल गई हारी ! दईया

ऐसी मारी उसने पिचकारी
मैं अपना दिल गई हारी !
दईया रे दईया रंग डारी
मैं पूरी ही रंग डारी !
मैं तो जोगन बन बैठी हूँ
सब सुध बुध अपनी हारी !
प्यारी सी चितवन श्याम जू
मैं हो गई हूँ बलिहारी ! तन पर रंग लगाया तुमने
मन मेरा रंगीन किया
आँखों को मेरी इक उम्दा
उड़ता उड़ता ख़्वाब दिया !
:
आज धूल माटी से खेली खेली कीच ग़ुलाल से
कल लेकर के यारा आना तुम रंग क़माल के ।
:
ऐसी मारी उसने पिचकारी
मैं अपना दिल गई हारी !
दईया रे दईया रंग डारी
मैं पूरी ही रंग डारी !
मैं तो जोगन बन बैठी हूँ
सब सुध बुध अपनी हारी !
प्यारी सी चितवन श्याम जू
मैं हो गई हूँ बलिहारी ! तन पर रंग लगाया तुमने
मन मेरा रंगीन किया
आँखों को मेरी इक उम्दा
उड़ता उड़ता ख़्वाब दिया !
:
आज धूल माटी से खेली खेली कीच ग़ुलाल से
कल लेकर के यारा आना तुम रंग क़माल के ।
: