सुबह की अजान,,मंदिरों में प्रार्थना, जब, सुनता हूँ तो, ऐसा लगता है, कि आज और अब मुरादें पूरी हो जाएगी,, जो, भी हलचल या तूफान भी रही है जीवन में,, वो शांत-चित जरूर हो जाएगी,, पर जहन कहता है, कि, आज भी जान है गर तन-मन में, तो पहले, स्वयं ही कोशिश कर,, और,, ईश्वर का क्या वो तो आज हो या कल ,, हर पहर भी वो,, जैसे सबके ही साथ-साथ ही है, गर,, वक्त ,कर्म, और, जीवन में गर तेरी नेकी की राह सच साबित हुई, तो फिर, क्रमानुसार और कर्मानुसार सबको ही एक समान ,, मीठे - मीठे , फल देने वाला भी ,,...,,,,वो एकमात्र ""ईश्वर """ही ...है।। ©Captain Priyanshu #bateinhakikatzindagiki