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उसे मैं नहीं देखता मेरा गुमान देखता है। जैसे रुकी

उसे मैं नहीं देखता मेरा गुमान देखता है।
जैसे रुकी हुई हवा को तूफान देखता है।।

पर नोचने पर भी उड़ने का हौसला न गया।
हैरत है,परिंदा अब भी आसमान देखता है।।

जानता हूँ बच जाऊँगा मैं गुनाह करके लेकिन।
क्या कहूँगा आईने से वो तो ईमान देखता है।।

मुझे चोट दिल पर लगी है पर कोई निशान नही।
अब ये कहूँ किससे,देखनेवाला निशान देखता है।। उसे मैं नहीं देखता मेरा गुमान देखता है।
जैसे रुकी हुई हवा को तूफान देखता है।।

पर नोचने पर भी उड़ने का हौसला न गया।
हैरत है,परिंदा अब भी आसमान देखता है।।

जानता हूँ बच जाऊँगा मैं गुनाह करके लेकिन।
क्या कहूँगा आईने से वो तो ईमान देखता है।।
उसे मैं नहीं देखता मेरा गुमान देखता है।
जैसे रुकी हुई हवा को तूफान देखता है।।

पर नोचने पर भी उड़ने का हौसला न गया।
हैरत है,परिंदा अब भी आसमान देखता है।।

जानता हूँ बच जाऊँगा मैं गुनाह करके लेकिन।
क्या कहूँगा आईने से वो तो ईमान देखता है।।

मुझे चोट दिल पर लगी है पर कोई निशान नही।
अब ये कहूँ किससे,देखनेवाला निशान देखता है।। उसे मैं नहीं देखता मेरा गुमान देखता है।
जैसे रुकी हुई हवा को तूफान देखता है।।

पर नोचने पर भी उड़ने का हौसला न गया।
हैरत है,परिंदा अब भी आसमान देखता है।।

जानता हूँ बच जाऊँगा मैं गुनाह करके लेकिन।
क्या कहूँगा आईने से वो तो ईमान देखता है।।

उसे मैं नहीं देखता मेरा गुमान देखता है। जैसे रुकी हुई हवा को तूफान देखता है।। पर नोचने पर भी उड़ने का हौसला न गया। हैरत है,परिंदा अब भी आसमान देखता है।। जानता हूँ बच जाऊँगा मैं गुनाह करके लेकिन। क्या कहूँगा आईने से वो तो ईमान देखता है।। #Shayari #nojotohindi #NojotoWriter #nojotoshayari #gumaan #neerajthepoet