उसे मैं नहीं देखता मेरा गुमान देखता है।
जैसे रुकी हुई हवा को तूफान देखता है।।
पर नोचने पर भी उड़ने का हौसला न गया।
हैरत है,परिंदा अब भी आसमान देखता है।।
जानता हूँ बच जाऊँगा मैं गुनाह करके लेकिन।
क्या कहूँगा आईने से वो तो ईमान देखता है।। #Shayari#nojotohindi#NojotoWriter#nojotoshayari#gumaan#neerajthepoet