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तुम्हारी मुझे नज़रअंदाज़ करने की आदत को नज़रअंदाज़ कर

तुम्हारी मुझे नज़रअंदाज़ करने की आदत को 
नज़रअंदाज़ करके जीती हूँ 
तुम्हारी यादों के संग जगती हूँ 
तुम्हारे ख्वाबों के संग सोती हूँ 
दुनिया के लिए भीड़ हूँ मैं 
अकेली होती हूँ तो सिर्फ तुम्हारी होती हूँ
 अपने जीवन की बंजर धरती पर
तुम मिल जाओगे इक दिन 
इस आस के बीज मैं बोती हूँ
दुनिया के संग हँसती हूँ 
चुपके से अकेली रोती हूँ 
तुम्हारे बिन ऐ चाँद ! मेरे 
क्या कहूँ की कैसे जीती हूँ 
ये जीवन क्या है - ज़हर है क्या
 दोनों ही हँसकर पीती हूँ 
अब तो बस इस सवाल संग
 कट रहे हैं ये दिन ....
तुम बिन जिया जाये कैसे 
कैसे जिया जाए तुम बिन ......

©niharika nilam singh #तुम_बिन #तुम_बिन_जिया_जाए_कैसे
#niharikanilamspecial #love for#nojoto #nojotohindi #nojotolucknow 
#8LinePoetry
तुम्हारी मुझे नज़रअंदाज़ करने की आदत को 
नज़रअंदाज़ करके जीती हूँ 
तुम्हारी यादों के संग जगती हूँ 
तुम्हारे ख्वाबों के संग सोती हूँ 
दुनिया के लिए भीड़ हूँ मैं 
अकेली होती हूँ तो सिर्फ तुम्हारी होती हूँ
 अपने जीवन की बंजर धरती पर
तुम मिल जाओगे इक दिन 
इस आस के बीज मैं बोती हूँ
दुनिया के संग हँसती हूँ 
चुपके से अकेली रोती हूँ 
तुम्हारे बिन ऐ चाँद ! मेरे 
क्या कहूँ की कैसे जीती हूँ 
ये जीवन क्या है - ज़हर है क्या
 दोनों ही हँसकर पीती हूँ 
अब तो बस इस सवाल संग
 कट रहे हैं ये दिन ....
तुम बिन जिया जाये कैसे 
कैसे जिया जाए तुम बिन ......

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