इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा, राते कटती है लेकर नाम तेरा, मुद्दत से बैठा हूँ पाल के ये आस, कभी तो आएगा कोई पैग़ाम तेरा !! ©Jay Namdev Sagar tum Sarah ho