मतलबी जहाँ है ,सच कहा था तुमने । अपना कौन यहाँ है, सच कहा था तुमने। बिना मतलब के कोई , बात नहीं करता, सच्ची ये दास्ताँ है, सच कहा था तुमने । रहबर ही जब यहाँ, बन जाते हैं रहज़न , लुट जाता कारवाँ है, सच कहा था तुमने । ग़ुलशन को बाग़बाँ ही, जब उजाड़ते हैं , उठता नहीं धुआँ है , सच कहा था तुमने । यही फलसफा है , मोहब्बत का ,"फिराक़", बेवफा आसमां है , सच कहा था तुमने । एक ख़ूबसूरत #collab Aesthetic Thoughts की ओर से। #सचकहातुमने #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi