मेरा शेर शायरी करना अब लगता है सब फिजूल है अब वो मेरे तरफ हस्ती , मुस्काती भी नहीं है बस खामोश रहती है उसकी खामोशी कहती है की अब उसे और कोई कबूल है #january #december