Nojoto: Largest Storytelling Platform

कुछ अनसुलझे से सवालों में उलझी रहती हूं अनकही बात

कुछ अनसुलझे से सवालों में उलझी रहती हूं 
अनकही बातों के दरमियान बस खोयी रहती हूँ 
माना हर किस्सा मेरा पूरा ना होगा
 फिर  भी ख्वाइशें थोड़ी बहुत  बुनती रहती हूँ 
में खुद के साथ कही घूम रहती हु
 जिन्दंगी के हर पल को बस जीना चाहती हूँ 
कुछ दूर अकेले चलना चाहती हु 
और एतबार जैसे शब्दो से अब चिढ़ने  लगी हूं 
माना दिल पर ज़ोर नहीं रहता मगर
 नज़रों से पुराने खाव्ब धुलने लगी हूं 
यादों की अलमारी से कुछ किस्से कहने लगी हूं
 अब में एहसासों को ज़ुबान  देने लगी हूं 
वाक़िफ़ हूँ हर किसी के झूठ से 
अब साजिशे खुद के दिल से करने लगी हूं
माना भूलना सब मुश्किल होगा 
मगर में अब खुद को समेटने लगी हूं 
हां अब  जिन्दंगी को अपने नज़रिये से देखने लगी हूं
__raahikealfaaz__

©Monika Dhangar(RaahiKeAlfaaz) #life#newpoetry#ansuljhesawal#raahikealfaaz

#Shades
कुछ अनसुलझे से सवालों में उलझी रहती हूं 
अनकही बातों के दरमियान बस खोयी रहती हूँ 
माना हर किस्सा मेरा पूरा ना होगा
 फिर  भी ख्वाइशें थोड़ी बहुत  बुनती रहती हूँ 
में खुद के साथ कही घूम रहती हु
 जिन्दंगी के हर पल को बस जीना चाहती हूँ 
कुछ दूर अकेले चलना चाहती हु 
और एतबार जैसे शब्दो से अब चिढ़ने  लगी हूं 
माना दिल पर ज़ोर नहीं रहता मगर
 नज़रों से पुराने खाव्ब धुलने लगी हूं 
यादों की अलमारी से कुछ किस्से कहने लगी हूं
 अब में एहसासों को ज़ुबान  देने लगी हूं 
वाक़िफ़ हूँ हर किसी के झूठ से 
अब साजिशे खुद के दिल से करने लगी हूं
माना भूलना सब मुश्किल होगा 
मगर में अब खुद को समेटने लगी हूं 
हां अब  जिन्दंगी को अपने नज़रिये से देखने लगी हूं
__raahikealfaaz__

©Monika Dhangar(RaahiKeAlfaaz) #life#newpoetry#ansuljhesawal#raahikealfaaz

#Shades