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पुराने दर्द़ लिखूँ या..... ताज़े ज़ख्म लिखूँ या जि

पुराने दर्द़ लिखूँ या.....
ताज़े ज़ख्म लिखूँ
या जिसने दिए.....
उसका ज़िक्र लिखूँ
ख़ामोश है लब.....
चुप है कलम
अब तुम ही कहो.....
कैसे हाल-ए-दिल लिखूँ...
By - Rahul Kavi Puraane Drd Likhu Ya Taaje jhkham Likhu...
पुराने दर्द़ लिखूँ या.....
ताज़े ज़ख्म लिखूँ
या जिसने दिए.....
उसका ज़िक्र लिखूँ
ख़ामोश है लब.....
चुप है कलम
अब तुम ही कहो.....
कैसे हाल-ए-दिल लिखूँ...
By - Rahul Kavi Puraane Drd Likhu Ya Taaje jhkham Likhu...
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Rahul Kavi

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