यह कतई जरूरी नहीं कि मन और दिल एक दूसरे का पर्याय होते हों कई बार दिल को बेमन होना पड़ता हैं और यह जो मन है वो हो जाता है बेदिल पर यहां एक बात तो सच है कि बेचैनी दोनों को ही घेरे रहती है दोनों बेबद जिद्दी और बस आजादी की खुराक के लिए छटपटाते... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #जिद्दी