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" समय समय तो सब करें , समय पे चले तो पार । बस समय

" समय समय तो सब करें , समय पे चले तो पार ।
बस समय पर तू चलता जा , ये सदा कहे तलवार ।। "

©KalaM_E_TalwaR_Official




Read Story In Caption ❤ #NojotoQuote समय
सरोवर के किनारे बैठा मैं अस्त होते सूर्य को निहार रहा था , मैं हर तरफ आकर्षित रोशनी देख मन-ही-मन खुश हो रहा था  कि सारा दिन इस दुनिया को प्रकाश और ऊर्जा देने के बावजूद यह सूर्य कितनी खुशी और आनंद के साथ विदा हो रहा था और जाते-जाते भी अपने सुनहरे रंगों से प्रकृति को चार-चाँद लगा रहा है ।

कुछ इन्ही ख्यालों में खोया जब मैने घड़ी देखी तो शाम के साढ़े छः बज चुके थे और मेरे दिल में चाय की तलब ने घर जाने को तैय किया । कुछ दूर चलते ही मेरे मन में मेरे बचपन के मित्र अमन से मिलने की बात उठी तो सोचा की उससे मिलता ही चलूँ  और उसी रास्ते से उसके घर को चल दिया । कई महीने हो गए थे उससे मिले । क्या सोचता होगा ? माता जी भी कहतीं होगीं जब छोटा था तो मेरे यहाँ से जाने का नाम ना लेता था , अब बड़ा आदमी हो गया है , अब तो दर्शन भी नहीं होते ।

वही बात हुई , जिसका मुझे डर था । दरवाजा खोलते ही रामु ख़ुशी से चिल्ला उठा - अजी साहब सुनते हो , देखिये तो सही , कौन आया है ? माता जी आइये तो सही देखिये आज हमारे घर भी ईद का चाँद निकल आया है और अंदर आते ही में सबसे पहले अमन से गले लगा और फिर माता जी से मिला और उनके पैर छूते ही उन्होंने आशीर्वाद दिया और बोलीं आज बड़े बड़े लोग छोटी गलियों का रास्ता कैसे भूल गए ? 

मैं माता जी के पास बैठा और उनकी तबियत का हाल पूछने लगा , इतने में अमन शरारत भरे अंदाज़ से मेरे पास आ बैठा और अमन कुछ बोलने ही लगा था कि रामु चाय ले आया था ।
" समय समय तो सब करें , समय पे चले तो पार ।
बस समय पर तू चलता जा , ये सदा कहे तलवार ।। "

©KalaM_E_TalwaR_Official




Read Story In Caption ❤ #NojotoQuote समय
सरोवर के किनारे बैठा मैं अस्त होते सूर्य को निहार रहा था , मैं हर तरफ आकर्षित रोशनी देख मन-ही-मन खुश हो रहा था  कि सारा दिन इस दुनिया को प्रकाश और ऊर्जा देने के बावजूद यह सूर्य कितनी खुशी और आनंद के साथ विदा हो रहा था और जाते-जाते भी अपने सुनहरे रंगों से प्रकृति को चार-चाँद लगा रहा है ।

कुछ इन्ही ख्यालों में खोया जब मैने घड़ी देखी तो शाम के साढ़े छः बज चुके थे और मेरे दिल में चाय की तलब ने घर जाने को तैय किया । कुछ दूर चलते ही मेरे मन में मेरे बचपन के मित्र अमन से मिलने की बात उठी तो सोचा की उससे मिलता ही चलूँ  और उसी रास्ते से उसके घर को चल दिया । कई महीने हो गए थे उससे मिले । क्या सोचता होगा ? माता जी भी कहतीं होगीं जब छोटा था तो मेरे यहाँ से जाने का नाम ना लेता था , अब बड़ा आदमी हो गया है , अब तो दर्शन भी नहीं होते ।

वही बात हुई , जिसका मुझे डर था । दरवाजा खोलते ही रामु ख़ुशी से चिल्ला उठा - अजी साहब सुनते हो , देखिये तो सही , कौन आया है ? माता जी आइये तो सही देखिये आज हमारे घर भी ईद का चाँद निकल आया है और अंदर आते ही में सबसे पहले अमन से गले लगा और फिर माता जी से मिला और उनके पैर छूते ही उन्होंने आशीर्वाद दिया और बोलीं आज बड़े बड़े लोग छोटी गलियों का रास्ता कैसे भूल गए ? 

मैं माता जी के पास बैठा और उनकी तबियत का हाल पूछने लगा , इतने में अमन शरारत भरे अंदाज़ से मेरे पास आ बैठा और अमन कुछ बोलने ही लगा था कि रामु चाय ले आया था ।
kalametalwaroffi9504

Talwar Ji

New Creator

समय सरोवर के किनारे बैठा मैं अस्त होते सूर्य को निहार रहा था , मैं हर तरफ आकर्षित रोशनी देख मन-ही-मन खुश हो रहा था  कि सारा दिन इस दुनिया को प्रकाश और ऊर्जा देने के बावजूद यह सूर्य कितनी खुशी और आनंद के साथ विदा हो रहा था और जाते-जाते भी अपने सुनहरे रंगों से प्रकृति को चार-चाँद लगा रहा है । कुछ इन्ही ख्यालों में खोया जब मैने घड़ी देखी तो शाम के साढ़े छः बज चुके थे और मेरे दिल में चाय की तलब ने घर जाने को तैय किया । कुछ दूर चलते ही मेरे मन में मेरे बचपन के मित्र अमन से मिलने की बात उठी तो सोचा की उससे मिलता ही चलूँ  और उसी रास्ते से उसके घर को चल दिया । कई महीने हो गए थे उससे मिले । क्या सोचता होगा ? माता जी भी कहतीं होगीं जब छोटा था तो मेरे यहाँ से जाने का नाम ना लेता था , अब बड़ा आदमी हो गया है , अब तो दर्शन भी नहीं होते । वही बात हुई , जिसका मुझे डर था । दरवाजा खोलते ही रामु ख़ुशी से चिल्ला उठा - अजी साहब सुनते हो , देखिये तो सही , कौन आया है ? माता जी आइये तो सही देखिये आज हमारे घर भी ईद का चाँद निकल आया है और अंदर आते ही में सबसे पहले अमन से गले लगा और फिर माता जी से मिला और उनके पैर छूते ही उन्होंने आशीर्वाद दिया और बोलीं आज बड़े बड़े लोग छोटी गलियों का रास्ता कैसे भूल गए ? मैं माता जी के पास बैठा और उनकी तबियत का हाल पूछने लगा , इतने में अमन शरारत भरे अंदाज़ से मेरे पास आ बैठा और अमन कुछ बोलने ही लगा था कि रामु चाय ले आया था ।