है ये मेरे अंतर्मन का द्वंद, युद्ध है स्वयं का स्वयं से लड़ना भी है खुद से, क्या जितना क्या हारना!!? संघर्ष मेरा कम नहीं, अंदर की तकलीफ को बाहरी हँसी से छुपाना!! असहनीय पीड़ा, घृणा, करुणा, दर्द हलचल लिए, कितना कठिन है, ऐसे जीना........ जिए तो जिए कैसे??? ©Spl Someone ❤️ #द्वंद