एक मुट्ठी एहसास ले कर तन्हा खामोशी की आवाज़ लिखी है। दिल की धड़कनों का साज़ संजो कर जज़्बातों की इक सरगम लिखी है। ज़हन में बिखरे ख्यालों को समेट कर अपने ख्वाबों की ताबीर लिखी है। इंतज़ार से थोड़ी मोहलत ले कर तेरे आने की उम्मीद ए राह लिखी है। किस्मत से सारी वफ़ा चुरा कर तेरी लकीरों में #अंश की रीत लिखी है। ©Alfaj_ए_अंशika #Light