मेरे सामने आ जाने पर मुस्कुराती थी वो। नजरें झुकाकर शर्माती थी वो। जिंदगी में अकेली न पड़ जाऊं कहीं, यही सोचकर घबराती थी वो। शायद भरोसा नहीं था उसे इस जमाने पर, तभी तो हाल-ए-दिल बयां करने से इतराती थी वो बहुत कुछ सीखने को मिला मुझे,उससे जिंदगी में मेरे गलतियां करने पर मुझको समझाती थी वो। उसकी कॉल या मैसेज का जबाव न देने पर रूठ जाती थी वो लेकिन इतनी अच्छी थी कि थोड़ा मनाने पर मान जाती थी वो। कुछ तो रिश्ता था उसके साथ मेरा तभी तो कॉलेज से जाने के बाद बहुत याद आती थी वो कुछ तो था उसके दिल में जो बताया नहीं था उसने मुझे, शायद बहुत आगे जाना चाहती थी वो। - सुशील कुमार #spenttime