खोली जो आंखें ख्वाब टूटा, हक़ीकत से परे सब था झूठा। जिम्मेदारी से बंधी जंजीर का खूंटा, ख़ुदकी बात की तो हर कोई रूठा। मेरे हाथ से सबकुछ छुटा, मिला मुझे किसी ओर का जूठा। अपना तो नसीब ही हैं फूटा। #bolteshabddimika #rhymescheme - abababa #7linepoetry #मेरे_हाथ_से_सबकुछ_छुटा।