लिखते हम सभी अपने दिल के दद॔ को मगर कोई कहानी कहाँ समझता है बस कहानीकार बन जिंदकी एक समझौता करता है अपने हक के लिए लडाई छोड़कर बस जिंदकी का जख्म सहता हैं कहानी कोई भी हो पर चुनौती को हर राह में स्वीकार करता है हर शाम अपने दद॔ की खोज में एक नई पहचान करतां है बस चंद लफ्जों के अल्फाज़ो में मुहब्बत का सफर तय करतां फिर कई पत्रों में अपने दद॔ की कहानी को लिखता है ©Sivani Rajpoot Suari