पढ़ी तो थी किताबें रसायन की कुछ सूत्र थे जो रट लिए थे आवर्त सारणी जो जिन्दगी में वैसे तो कभी काम नहीं लगी पर समझा गयी तरीका कि कैसे संभालते हैं तत्व सारे एक पटल में जीवन के.. मैं भूला नहीं हूँ अम्ल और क्षार के किस्से कैसे अम्ल लाल कर दिया करता था नीले लिटमस को ठीक वैसे ही जैसे तुम्हारी फिरोजी आँखें लौ हो जाती हैं अक्सर अश्क बहाकर.. मुझे मालूम है खुदगर्ज हूँ मैं जो रूप ले लेता है कभी कभी डायनामाइट का लेकिन मेरे इश्क का PH आज भी सात है..! ©KaushalAlmora #repost_kaushalAlmora #रोजकाडोजwithkaushalalmora #yqdidi #love #chemistry #ph #life #poetry