आसान नहीं होता.. एक" माँ "बनना। बच्चों कें बच्चों जैसे सवालों के जवाब देना। बनकर कभी ढाल.. बच्चों की रक्षा करना। बुरे -भले.. की परख सीखाना। अच्छे संस्कारों.. के बीजों को बोना। "ममता" का सागर बन जाती है। जब एक "स्त्री" माँ बन जाती है। कर देती है खुद का "सौंदर्य" भी कुर्बान.. तभी तो जन्म ले पाती "एक नन्ही" सी जान । आसान होता है, किसी बच्चे के संस्कारों पर उंगली उठाना। पर सच में..... आसान नहीं होता एक "माँ "बनना। आसान नहीं होता एक माँ बनना...!!!