जनाब ,साफ कर लीजिये ऐनको से ,ओश की बूंदें ।। यूँही हमे गलत ठहराना ठीक नही।। और,, बड़े खुदगर्ज है हम किसी का बोझ नही रखते,, मजबूत ही रखना ,तुम बाह अपने ।। नापसन्द तो दुनिया ही करती है ,शायरों को ,, जरा संभाल कर रखिये जज़्बात अपने।। जरा सा खेल लेते है,,चलो आज बोल देते है।।