कहीं गांव जैसी ताजी हवा नहीं, ना गांव जैसा मीठा पानी , कोयल की यहां कुकू हैं, ओर मोर का नाच दिखाना, यहां चारों तरफ हैं हरियाली, और दूध दही का खाना, गांव में सारे रिश्ते है, ओर रिश्तो में प्यार पुराना, जन्नत से भी सुंदर है, ये गांव मेरा हरसाना।। ©Neeraj Saroha #मेरागांव##gaon