झूठे सबको प्रिय लगें, झूठे संग सब कोइ| मंजू इनसे क्या कहें, क्या समझेंगे तोइ|| ©कवि मनोज कुमार मंजू #झूठे #प्रिय #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू #UskeSaath