भक्ति भाव पुरजोर, भक्त भावुक निर्मल है । प्रभु से प्रीति अंजोर, मनुज उर चेतन बल है ।। शान्त विवेकी शील, सत्य लोकन अनुगामी । कृत्य परम् चरितार्थ, भक्त वत्सल कृप स्वामी ।। #yqdidi #भक्ति #प्रेम #प्रभु #अध्यात्म #कविता #हिंदीमेरीभाषा #alokstates