दिग्दिगंत और अनंत, गुंजायमान है। कर्म पथ पर तू चले, समय का ये विधान है। अडिग जो सच पर रहे, हाथ धर्म की मशाल है। जो चेहरे को भी पढ़ सके, वो कहानीकार है । वो कहानीकार है। वो कहानीकार है।✍️ ©shraddha.meera #storywriter