समय नही था,सही समय में, अब दोनों पछताते है। रातों को करवट लेते-२ दोनो, थककर यादों में ही,सो जाते है। काम मे दिनभर उलझ कर दोनों, जल्दी सूरज सा,ढल जाते है। शायद,जल्दी जगना होगा, पता नही कब सूरज का,उस रात्रि से मिलना होगा। रुक कर उसने भी,ग्रहण लागए, फिर कहीं सूरज,वो छिप कर सबसे, उस रात्रि का,दिन बन पाये। अब दोनों पछताते हैं... #दोनोंपछतातेहैं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi