#अंधेरों से था मेरा रिश्ता बड़ा #तूने ही उजालों से वाक़िफ़ किया #अब लौटा मैं हूँ इन अंधेरों में फिर #तो पाया है ख़ुद को बेगाना यहां #तन्हाई भी मुझसे ख़फ़ा हो गयी #बंजारों ने भी ठुकरा दिया"____. #FAIZAN AZHARI