ram lala ayodhya mandir रत्नाकर का अर्थ हमेशा गंभीर सागर नहीं रहा है, डाकू से तपी, मरा -मरा से राम की रट लगानेवाला भरम में--- वाल्मीकि, एक दिन का हो गया है भक्त, भक्ति किसी की, किसी को समर्पित, मुख में राम बगल में छुरी...... ©BANDHETIYA OFFICIAL #रत्नाकर का अर्थ गंभीर सागर हमेशा नहीं होता। #ramlalaayodhyamandir