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आज की चिट्ठी,,, तुम अगर एक जगह खड़े रहे

आज की चिट्ठी,,,

तुम अगर एक जगह खड़े रहे
            तब भी थक जाओगे

अगर मायूसी से बस शाम देखते रहे
              दिन फिर भी बीत जायेगा

अगर रात भर अंधेरे में बैठे रहे
          सवेरा फिर भी हो जायेगा

मगर, मैं चाहता हूँ,
तुम कदम बढ़ाओ, एक ही सही
तुम सूरज को देखो, एक पल ही सही 
  तुम दिया जलाओ, धीमी लौ का ही सही 
मैं चाहता हूँ, तुम पहल करो
छोटी सी ही सही..

©akshat tripathi #mypoetry #zindgiii #kavitachallenge #poetrylovers #sachai #love #chehra 

#Isolated
आज की चिट्ठी,,,

तुम अगर एक जगह खड़े रहे
            तब भी थक जाओगे

अगर मायूसी से बस शाम देखते रहे
              दिन फिर भी बीत जायेगा

अगर रात भर अंधेरे में बैठे रहे
          सवेरा फिर भी हो जायेगा

मगर, मैं चाहता हूँ,
तुम कदम बढ़ाओ, एक ही सही
तुम सूरज को देखो, एक पल ही सही 
  तुम दिया जलाओ, धीमी लौ का ही सही 
मैं चाहता हूँ, तुम पहल करो
छोटी सी ही सही..

©akshat tripathi #mypoetry #zindgiii #kavitachallenge #poetrylovers #sachai #love #chehra 

#Isolated