गर ये आँख ना होती कोई रूप ना होता तू कुरूप ना होती। गर मैं सुन ना पाता बात कड़वी ना होती बात मीठी ना होती। कुछ सच ना होता कुछ झूठ ना होता गर ये ज़बाँ ना होती। गंध का एहसास ना होता कोई ख़ुशबू ना होती कोई महक ना होती। छुअन ना सहज होती छूना ना असहज होता गर तू जिस्म ना होती। पर इब्तिदा यह नहीं है गर यह मन ना होता, ये सारी बात ना होती। हमें इश्क़ ना होता, गर यह रूह ना होती। ...गौतम #ibtida yah nahi #Quote