हो जाते हैं खामोश हम, जब दिल होता है उदास होती है बेचैनी बहुत, जब कोई अपना नहीं होता पास कहने को तो होता है बहुत कुछ, पर कहें किससे तन्हा रहते रहते, अकेलापन ही आने लगता है रास अंदर ही रह जाते हैं दिल के ज़ज्बात, कैसे करें उन्हें बयां घुट के रह जाते हैं अंदर, लफ्ज़ देते ही नहीं साथ 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 की प्रतियोगिता :- 205 में स्वागत करता है..🙏🙏 💫आप सभी 4-6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।