मैंने प्रेम में प्रतीक्षा की है और प्रतीक्षा के हर छन में मैंने तुमसे उतना प्यार किया है जितना किया जाता है एक पूरे युग में मेरी सारी समझदारी इस एक प्रश्न के आगे हार गई थी कि बेहतर क्या है सृष्टि में पाने योग्य जो कुछ है उन सबको पाना या बिना किसी आश्वाशन के केवल तुम्हारी प्रतीक्षा करना और बिना उत्तर जाने भी मैंने तुम्हारी प्रतीक्षा को चुना ©Manaswin Manu #100loveletters #letter1 #Manaswin_Manu