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खामोशी तेरी मुझपे बरसती है मेरी हर आह तेरा दर्द सम

खामोशी तेरी मुझपे बरसती है
मेरी हर आह तेरा दर्द समझती है,
मालूम है की मज़बूर है तू,
फिर भी मेरी नज़र तेरे दीदार को तरसती है.

©Anil Singh
  रोमांटिक शायरी
anilsingh5244

Anil Singh

New Creator

रोमांटिक शायरी #Poetry

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