दुनियां एक रंगमंच है सभी को अपना - अपना किरदार निभाना होता है, यहां हर एक इंसान का अपना अलग किरदार है निभाना जरूरी होता है। एक इंसान ही जो अपने जीवन में हर किरदार को बखूबी निभा सकता है, कभी रिश्ते बनाने के लिए, कभी बचाने के लिए किरदार निभाता रहता है। एक ही इंसान जीवन भर समय के साथ बदलते नामों से किरदार निभाता है, कभी किसी का बेटा-बेटी, कभी मां-बाप और कभी दादा-दादी बन जाता है। हर किरदार की अपनी जिम्मेदारियां और फर्ज होते हैं सबको पूरे करने होते हैं, कभी कोई कमी रह जाए तो सुधारते भी हैं आखिर किरदार तो किरदार होते हैं। -"Ek Soch" आपका आज का टॉपिक है "किरदार" •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• ✍🏻✍🏻Collab करने के बाद done जरूर लिखे✍🏻✍🏻👍 ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••