तुम अब एहसास सरे-बाज़ार कर ही डालो ग़र इश्क़ रोग है तो बीमार कर ही डालो तुम्हें कितना सोचें और कब तलक लिखें हम कभी मौक़ा मिले तो दीदार कर ही डालो सुना है इश्क़ रंजिशों की गोद में पलता है तुम भी बरगश्ता हो टकरार कर ही डालो चन्द तब्दीलियाँ तो मोहोब्बत में लाज़मी हैं ग़ुलाब को तराश के ख़ार कर ही डालो ग़र इश्क़ में नकारने को ज़ाहिलपन कहते हैं छीन के इल्म हमको गँवार कर ही डालो तुमपे इश्क़ का रंग न हमपे दिल्लगी जचेगी 'क़ासिद' पुराने कर्ज़ पे गिरवी नया उधार कर ही डालो बरगश्ता - Turned back upset - मुँह फेर लेना ख़ार - prick - काँटा इल्म - Knowledge - ज्ञान #YQbaba #YQdidi #YQbhaijan #Yopowrimo #Gazal #Love #Life #Truth