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मैं स्तब्ध हो गया , मेरे शरीर में लहू का एक - एक क

मैं स्तब्ध हो गया , मेरे शरीर में लहू का एक - एक कतरा मानो जम गया हो । हलो - हलो की वही आवाज आज वर्षों बाद सुनकर मुझे समझ न आया मैं क्या करूँ । मेरा गला रुँध गया फिर भी जैसे तैसे मैंने हलो बोला और उधर से आवाज आई " गुरु कैसे हो , घर पर सब ठीक हैं ! माँ कैसी है , सुना है शादी हो गयी है तुम्हारी ? बीवी ठीक है या वो भी थोड़ी पागल है मेरी तरह ही । " मेरे पास उसके किसी भी शब्द का जवाब न था । मैं खुद को कोस रहा था कि मैंने इंतज़ार क्यों न किया , उस बस दुर्घटना के बाद मैंने उसे मरा हुआ मान क्यों सब खतम कर लिया .... तभी दरवाजे पर आहट हुई मैं आँसू पोछता हुआ बाहर आया । दरवाजे पर एक आदमी खड़ा था जिसके हाथ में एक झोला था । पूछने पर बोला " साहब टेलीफोन बनाने आया हूँ जिसकी शिकायत आपने की थी ! " ...
फिर अभी मेरी किससे बात हुई मैं अलग ही दुनिया में खो गया ...

©guru वो फोन किसका था ..?
मैं स्तब्ध हो गया , मेरे शरीर में लहू का एक - एक कतरा मानो जम गया हो । हलो - हलो की वही आवाज आज वर्षों बाद सुनकर मुझे समझ न आया मैं क्या करूँ । मेरा गला रुँध गया फिर भी जैसे तैसे मैंने हलो बोला और उधर से आवाज आई " गुरु कैसे हो , घर पर सब ठीक हैं ! माँ कैसी है , सुना है शादी हो गयी है तुम्हारी ? बीवी ठीक है या वो भी थोड़ी पागल है मेरी तरह ही । " मेरे पास उसके किसी भी शब्द का जवाब न था । मैं खुद को कोस रहा था कि मैंने इंतज़ार क्यों न किया , उस बस दुर्घटना के बाद मैंने उसे मरा हुआ मान क्यों सब खतम कर लिया .... तभी दरवाजे पर आहट हुई मैं आँसू पोछता हुआ बाहर आया । दरवाजे पर एक आदमी खड़ा था जिसके हाथ में एक झोला था । पूछने पर बोला " साहब टेलीफोन बनाने आया हूँ जिसकी शिकायत आपने की थी ! " ...
फिर अभी मेरी किससे बात हुई मैं अलग ही दुनिया में खो गया ...

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