ख्वाहिशों के बाज़ार में ज़रूरतों का पलड़ा भारी है....! जिम्मेदारियों का शोर बहुत है यहां , पर क्या करें; हमें तो यहां भी मुस्कुराने की बीमारी है...!!-A.r #सपनों_की_हकीकत में #ख्वाहिशें_बेहिसाब_हैं ❤️🤩