जहां भी जाऊं मैं इस जहां में, हर पल तुझे अपने करीब महसूस करता हूं । अरदास करूं रब से कोई, दुआ में तेरा होना महसूस करता हूं। अंधियारे में रोशनी, तपती धूप में छांव सा महसूस करता हूं। कुछ करूं ना करूं अब मैं ,तुझे सीने में धड़कती धड़कन सा महसूस करता हूं। सांसों की गरमाहट में, ज़मीं पे पड़ते कदमों की आहट में महसूस करता हूं। जहां भी जाऊं मैं इस जहां में, हर पल तुझे अपने करीब महसूस करता हूं । जहां भी जाऊं मैं इस जहां में, हर पल तुझे अपने करीब महसूस करता हूं । अरदास करूं रब से कोई, दुआ में तेरा होना महसूस करता हूं। अंधियारे में रोशनी, तपती धूप में छांव सा महसूस करता हूं। कुछ करूं ना करूं अब मैं ,तुझे सीने में धड़कती धड़कन सा महसूस करता हूं। सांसों की गरमाहट में, ज़मीं पे पड़ते कदमों की आहट में महसूस करता हूं। जहां भी जाऊं मैं इस जहां में, हर पल तुझे अपने करीब महसूस करता हूं । #shayari#poetry#mehsoos#pyar#muhabbt