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"आखो से फिर सुरू होकर ,आखो से बह गये भेजे थे फूल ज

"आखो से फिर सुरू होकर ,आखो से बह गये
भेजे थे फूल जो हमने, वो किताबो में रह गये 
अजनबी थे वो चेहरे जो याद आ रहे 
उनमे कुछ सामने हैं मेरे कुछ दिल में रह गये "

"ख्वाईस करू मैं किसकी इतना मुझे बतादे 
रोको गे तुम मुझे जितना उतना करीब आऊ गा
कि आऊ ना फिर गली तेरी इतना मुझे डरा दे 
मैं भूल जाऊ कैसे कि तू ही मुझे भुला  दे "
 
"खाली बादल नहीं है बरसे 
कुछ हम भी बह गये 
तेरी यादो के चलते चलते 
हकीकत से थक गये "

आखो से फिर सुरू होकर, आखो से बह गये !
@saurav sachan #sayriwale
"आखो से फिर सुरू होकर ,आखो से बह गये
भेजे थे फूल जो हमने, वो किताबो में रह गये 
अजनबी थे वो चेहरे जो याद आ रहे 
उनमे कुछ सामने हैं मेरे कुछ दिल में रह गये "

"ख्वाईस करू मैं किसकी इतना मुझे बतादे 
रोको गे तुम मुझे जितना उतना करीब आऊ गा
कि आऊ ना फिर गली तेरी इतना मुझे डरा दे 
मैं भूल जाऊ कैसे कि तू ही मुझे भुला  दे "
 
"खाली बादल नहीं है बरसे 
कुछ हम भी बह गये 
तेरी यादो के चलते चलते 
हकीकत से थक गये "

आखो से फिर सुरू होकर, आखो से बह गये !
@saurav sachan #sayriwale