तुम बिन मेरी सुबहें अधूरी, तुम बिन अधूरी ये शाम है। तुम बिन हम भी हैं अधूरे, होंठों में सिर्फ तेरा नाम है। तुम बिन मेरी रातें तन्हा, तुम बिन अधूरे सारे ख़्वाब है। तुम बिन कहीं ना पहचान मेरी, तुमसे ही मेरा नाम है। 💕 ❤️ 💞 ❤️ 💕 तुम बिन दिल को सुकूँ कहाँ, तुम बिन कहाँ रुबाब है। तुम बिन साँसों में है बेचैनी, तुम बिन जीना दुस्वार है। तुम बिन मेरा सफ़र अधूरा, मंज़िल कहाँ गुलफ़ाम है। तुम बिन नहीं अब मेरा गुजारा, दिल का ये पयाम है। 💕 ❤️ 💞 ❤️ 💕 तुम बिन सब कुछ सूना सा, सूनी महफ़िल-ए-आम है। तुम बिन मयखाने सब सूने, तुम बिन नीरस ये जाम है। तुम बिन मेरा जहाँ अधूरा, तुम बिन नहीं कोई काम है। तुम बिन होश नहीं अब मुझको, कैसा ये इल्ज़ाम है। ♥️ Challenge-710 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।