कोई समझे या न समझे, पर तुम समझौता मत करना । माना रस्ते पे अँधेरा है, जीवन इकलौता मत डरना ।। चलो अभी या रुके रहो, इस इंतज़ार में मत रहना । लें घेर भले व्यसनी दुर्जन, विष की ज्वाला में मत दहना ।। कोई समझे या न समझे, पर तुम समझौता मत करना । माना रस्ते पे अँधेरा है, जीवन इकलौता मत डरना ।। चलो अभी या रुके रहो, इस इंतज़ार में मत रहना । लें घेर भले व्यसनी दुर्जन, विष की ज्वाला में मत दहना ।।